रविवार, 29 नवंबर 2015

पराधीन


प्रबल-अहंकार लीन 
बुद्धि छारण-छरण छीन 
छद्म-शालीन ह्रदय-हीन
मुख-मंडल दर्प-हीन 
लेखन-पठन-पाठन दिशा-हीन
भव्य-तर्क अर्थ विहीन 
अन्धानुकरण विचार-धारा-रंगीन 
सम्वाद-वाद-विवाद वस्त्र-विहीन 
स्वम्भू-प्रतिनिधि आत्मलीन
सम्पूर्ण संसार टी वी स्क्रीन
उत्तेजक भाषा भाव-हीन 
जानकार चक्षु-हीन 
जानकर चक्षु -हीन !

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