लकीरों के भी
अपने आयाम होते हैं
जिन्हें वे समझ नहीं पाते हैं
तभी तो उनका लकीर का फ़क़ीर होना
उनके तालीवादकों के लिए
गौरव की बात है
हालाँकि ये और बात है
कि गाली कौन दिलवा रहा है
और ताली कौन बजवा रहा है
लेकिन एक बात तो तय है
कि वो लकीर का फ़क़ीर
ही होगा ।
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