हवा में ज़हर
पानी में ज़हर
खाने में ज़हर
शहर में ज़हर
गाँव में कहर
विचारों में ज़हर
आदमी के पैर पड़ने
के बाद भी चाँद
दूर से, आज भी
प्यारा लगता है !
पानी में ज़हर
खाने में ज़हर
शहर में ज़हर
गाँव में कहर
विचारों में ज़हर
आदमी के पैर पड़ने
के बाद भी चाँद
दूर से, आज भी
प्यारा लगता है !
दूर से मेरा गाँव
आज भी प्यारा
लगता है l
आज भी प्यारा
लगता है l
अँधेरा होते ही
बाज़ार बंद हो जाता है
सूनी हो जाती है राहें
केवल ज़हर की दूकाने
खिलखिलाती हुई
खुली रहती हैं
उन्माद भरी भीड़
को बांधें, चाँद
अकेला भीड़ में,
आज भी
प्यारा लगता है l
बाज़ार बंद हो जाता है
सूनी हो जाती है राहें
केवल ज़हर की दूकाने
खिलखिलाती हुई
खुली रहती हैं
उन्माद भरी भीड़
को बांधें, चाँद
अकेला भीड़ में,
आज भी
प्यारा लगता है l
दूर से मेरा गाँव
आज भी प्यारा
लगता है l
आज भी प्यारा
लगता है l